रावण ने महिलाओं के बारे में ये 8 बातें अपनी पत्नी मंदोदरी से कही थी।
बिहँसा नारि बचन सुनि काना। अहो
मोह महिमा बलवाना॥
नारि सुभाउ सत्य सब कहहीं। अवगुन
आठ सदा उर रहहीं॥
भावार्थ : पत्नी के वचन कानों से सुनकर रावण खूब हँसा (और बोला -) अहो! मोह (अज्ञान) की महिमा बड़ी बलवान है! स्त्री
का स्वभाव सब सत्य ही कहते हैं कि उसके हृदय में आठ अवगुण सदा रहते हैं –
साहस अनृत चपलता माया। भय अबिबेक
असौच अदाया॥
रिपु कर रूप सकल तैं गावा। अति
बिसाल भय मोहि सुनावा॥
भावार्थ : साहस, झूठ, चंचलता, माया (छल), भय
(डरपोकपन) अविवेक (मूर्खता), अपवित्रता और निर्दयता। तूने
शत्रु का समग्र (विराट) रूप गाया और मुझे उसका बड़ा भारी भय सुनाया॥2॥
अत्याधिक साहस
रामचरित मानस में वर्णित दोहे के अनुसार पत्नियों में जो
पहला अवगुण पाया जाता है वह है ‘बहुत ज्यादा साहस होना’। साहस होना अच्छी बात है
लेकिन रावण के अनुसार स्त्रियां अपने साहस का अमूमन गलत जगह इस्तेमाल कर लेती हैं।
इसलिए वह बहुत बार ऐसे काम कर जाती हैं जिससे बाद में उन्हें और उनके परिवार को
पछताना पड़ता है। रावण आगे कहता है कि स्त्रियाँ इस बात का निर्णय नही ले पाती कि
साहस का कैसे और किस जगह उचित प्रयोग करना चाहिए l जब साहस बिना समझ के अत्याधिक प्रयोग
किया जाता है तब वो दुःसाहस बन जाता है l
झूठ
रावण के अनुसार पत्नियों में जो दूसरा अवगुण देखने को मिलता
है वह है ‘उनकी निरंतर झूठ बोलने की आदत’। ऐसा नहीं है कि वे पल-पल झूठ बोलती हैं, क्योंकि वो कोमल हृदय वाली होती हैं लेकिन वे बातों को छिपाने
के लिए अकसर झूठ का सहारा ले लेती हैं यह सत्य है। रावण के अनुसार पत्नियां अकसर
झूठ बोलकर खुद भी फंसती हैं और अपने पति को भी दुविधा में डालती हैं। लेकिन सच एक
ना एक दिन सामने आ ही जाता है, फिर उन्हें इस बात का पछतावा
होता है , बहुत बार मुसिबतों का सामना करना पड़ता है। एक झूठ
को छुपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं।
अस्थिर और चंचल
महिलाएं अस्थिर विचारधारा और चंचल चित्त वाली होती हैं
इसलिए उनके मन को समझ पाना बहुत मुश्किल होता है। रावण के अनुसार पत्नियों में
पुरुषों की तुलना में अधिक चंचलता तथा वे चुलबुले स्वभाव की होती है। उनके विचारों
में समय के साथ परिवर्तन होता रहता है उनका मन कभी भी लंबे समय के लिए एक बात पर
रुकता नहीं है। और कुछ ही समय में वे अपनी ही कही बात पर मन बदल लेती हैं। वो
अधिकांश परिस्तिथियों में सही निर्णय लेने में असमर्थ होती है l जिस कारण से परिस्थितियां अस्थिर हो जाती हैं और काबू में
नहीं आती ।
माया रचना और स्वार्थी
रावण ने पत्नियों के जिस चौथे अवगुण की बात की थी वह है
‘उनके माया रचने का अवगुण’।
रावण के अनुसार स्त्रियां अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए कई
प्रकार की माया रचती हैं। दुनिया उनकी इस माया से बेखबर होती है
! महिलाएं स्वार्थी और जिद्दी होती हैं और अपनी जिद को पूरा करने के लिए वो
कहानियां गढ़ने और मोहमायी मायावी खेल भी खेल जाती हैं। रावण के अनुसार यह
स्त्रियों की एक कला है, वे जानती हैं कि किस समय क्या करना
है ताकि परिस्थिति उनके अनुकूल हो। अपना काम सिद्ध कराने के लिए महिलाएं क्या-क्या
करती हैं, इसकी भी चर्चा की है लंकापति रावण ने. रावण की राय
में अपनी बात मनवाने के लिए स्त्रियां रूठती है, रुष्ट होने
का नाटक करती हैं, कई बार प्रलोभन देती हैं और साथ ही जब
जरूरत पड़े तो कार्य सिद्ध कराने के लिए सामने वाले व्यक्ति को हर तरीके से मनाती
भी हैं. लेकिन अंत में अपना काम करवा लेती हैं.
नोट - इस कला में पुरूष उन्हें कभी परास्त नहीं कर सकते। वह
अपनी मायावी दुनियां में पुरूष को बांध कर उनसे मनचाहे काम करवा सकती हैं।
डरपोक होना / घबरा जाती हैं
रावण ने पत्नियों के जिस पांचवें अवगुण की बात की है वह है
‘उनका डरपोक होना’। स्त्रियां बहुत जल्दी घबरा जाती हैं, परिस्थिति में यदि वे अचानक बदलाव देख लें या विकट
परिस्थितियां आते ही वो बहुत जल्दी हथियार डाल देती है और डर जाती हैं कि आगे क्या
होगा। वैसे स्त्री बाहरी तौर पर तो साहस दिखाती है किन्तु अन्दर से वो डरी होती है
l इसलिए बहुत बार वह बनते काम भी बिगाड़ देती हैं।
महिलाएं अविवेकी होती हैं
रावण ने कहा कि भले ही स्त्रियां कितनी ही तेज दिमाग + बुद्धिमान + साहसी क्यों ना हो , लेकिन उनके मन में एक भय जरूर होता है। यह भय उनसे अजीबोगरीब
कार्य करवाता है , इस भय के कारण उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती
है ! विवेक खो बैठती हैं और भावेश में आकर वे बिना सोचे समझे निर्णय ले लेती हैं
और बड़ी समस्या में पड़ जाती हैं। जिसका एहसास उन्हें
बहुत देर में होता है और होता भी है तो मानती नहीं हैं ।
निर्दयता / दया नहीं दिखाती
रावण के अनुसार स्त्रियों का सातवां अवगुण है ‘निर्दयता’। वैसे
तो स्त्रियां कोमल हृदय वाली + दया दिखने वाली होती हैं लेकिन जिस बात पर उन्हें
दया ना आए, वे कभी उस पर भविष्य में भी दया नहीं
दिखाती। यह उनका हठ ही समझ लीजिए। ( अगर कोई एक बार
उनकी नजर से उतर जाए तो वो उसे आसानी से माफ नहीं करती हैं। )
अपवित्र
रावण के मुताबिक महिलाएं भले ही कपड़ों से गहनों से खुद को
सजाएं लेकिन उनमें मन की साफ-सफाई का अभाव होता है । उनके मन में बहुत ही एकतरफा
विचार चलते रहते हैं !